जनता पर पुलिस लाठीचार्ज, अश्रुगैस के गोले चलाने के साथ क्यों करती है पथराव।
मो.अनस सिद्दीकी
नई दिल्ली, 18 दिसम्बर। सीएबी बिल के खिलाफ पूरे देश में धरना प्रदर्शन हो रहा है।उत्तरी पूर्वी जिले के सीलमपुर इलाके में कल शांतिपूर्ण प्रदर्शन अचानक से हिंसक हो गया जनता ने पुलिस पर और पुलिस ने जनता पर जमकर पथराव किया इस पथराव में तीन दर्जन लोगों को चोटें आई। जिनमें कई पुलिस के जवान भी शामिल हैं। वही आंसू गैस के गोले चलने से कई युवा गंभीररूप से घायल हो गए। जिनको नजदीक के गुरु तेग बहादुर, स्वामी दयानंद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को दंगा, तोड़फोड़ और हत्या की कोशिश जैसी संगीन धाराओं में पकड़ा है, लेकिन 18 को एहतियातन गिरफ्तार किया है। इन पर दंगा भड़काने जैसी नीयत रखने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को उत्तरी पूर्वी दिल्ली में दंगा भड़कने के बाद पुलिस ने पूरे जिले में धारा 144 लगाई हुई है, जिसके तहत बुधवार को भी इलाके में फ्लैग मार्च निकालकर किसी भी तरह की भीड़ इकट्ठा होने से रोकने का प्रयास किया है।
कबीर नगर निवासी हाशिम सिद्दीकी ने बताया सीएबी बिल के विरोध में सर्व समाज के लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे प्रदर्शनकारी सीएबी बिल वापस लो, मुसलमानों के साथ भेदभाव बंद करो, मोदी सरकार हाय हाय इत्यादि नारे लगा रहे थे।
मौजपुर निवासी रविन्द्र शर्मा ने बताया कि सीएबी बिल का विरोध सर्व समाज के लोग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी हाथों में नारे लिखी तख्तियां और तिरंगा झंडा लेकर मार्च कर रहे थे। जब प्रदर्शनकारी जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के निकट पहुंचे तभी प्रदर्शनकारियों पर कुछ पत्थर आकर गिरे। जिससे भगदड़ मच गई।कुछ प्रदर्शनकारियों ने जवाब में भी पत्थर चलाए। इस पत्थरबाजी की घटना में दर्जनों प्रदर्शनकारी और पुलिस के जवान जख्मी हो गए।
जाफराबाद निवासी मो.अलीम ने बताया कि हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच कुछ पत्थर हम लोगों पर आकर गिरे। जिसकी वजह से भगदड़ मच गई। इसके बाद भीड़ हिंसक हो गई और बदले में भीड़ ने भी पत्थर चलाए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और अश्रुगैस के गोले निशाना साधकर चलाए। जिसकी वजह से दर्जनों लोग घायल हुए है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि पुलिस से आज भी प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन सभी को बता दिया गया कि पूरे जिले में धारा 144 लगी हुई है, इसलिए किसी तरह की अनुमति नहीं दी जा सकती। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को हुए दंगे में पुलिसकर्मियों सहित तीन दर्जन लोगों के घायल होने की बात सामने आई। पुलिस ने दयालपुर, जाफराबाद और सीलमपुर में कुल मिलाकर 3 एफआईआर दर्ज की हैं। एफआईआर में जुड़ी धाराओं के तहत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान अलग-अलग फुटेज के आधार पर की गई है। इसके अलावा भी पुलिस ने 7 अन्य लोगों की पहचान कर ली है। उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि बुधवार शाम तक गिरफ्तारी का आंकड़ा बढ़ सकता है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ड्रोन कैमरे से कैद विडियो फुटेज देख रही है। इसके अलावा कई मोबाइल में हुई रेकॉर्डिंग भी देखी जा रही है। पुलिस विडियो में दिख रहे उपद्रवियों की पहचान करने की कोशिश में जुटी है। एफआईआर के अलावा पुलिस ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई कर रही है, जो भविष्य में भी दंगा भड़काने की कोशिश कर सकते हैं। पुलिस ने मंगलवार से बुधवार तक 18 लोगों के खिलाफ आईपीसी कानून और विशेष कानूनों के तहत कार्रवाई करके गिरफ्तार किया है, जिनकी इलाके में भूमिका संदिग्ध है। पुलिस को शक था कि वह आगे भी माहौल खराब कर सकते हैं, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
पुलिस पूरे जिले में पैरा मिलिट्री के साथ मिलकर रात से ही फ्लैग मार्च कर रही है, जिससे इलाके में शांति बन सके। बुधवार सुबह भी यह फ्लैग मार्च देखने को मिला।