नाज सिद्दीकी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने लक्षद्वीप प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश के गांवों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने और इस संबंध में केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा सुझायी कार्य योजना को लागू करने का शुक्रवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति रघुवेंद्र एस राठौर और सत्यवान सिंह गार्बियल की पीठ ने प्रशासन को तीन महीने के भीतर कार्य योजना और उसके द्वारा नियुक्त न्यायमित्र के सुझावों को लागू करने के निर्देश दिए। पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को न्यायमित्र वकील समीर सोढ़ी को उनकी सेवाओं के लिए 15 दिनों के भीतर 50,000 रुपये देने के भी निर्देश दिए। एनजीटी ने कहा, चूंकि द्वीप में ताजा पानी की सभी जरुरतें सीमित भूजल संसाधनों से पूरी नहीं की जा सकतीं इसलिए सभी द्वीपों में जल आपूर्ति भूजल, अलवलीकरण जल और बारिश के पानी के संचयन से पूरी करनी चाहिए। एनजीटी ने केंद्र शासित प्रदेश में कवरत्ती की द्वीप पंचायत के गांववालों द्वारा लिखे पत्र पर संज्ञान लेने के बाद यह फैसला दिया। गांववाले भूजल के गिरते स्तर की चिंताजनक स्थिति का सामना कर रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप अरब सागर में 32 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ है और इसमें आबादी वाले 10 द्वीप, बिना आबादी वाले 17 द्वीप, तीन रीफ और छह डूबे हुए रेत के तट हैं। साल 2011 की जनगणना के अनुसार लक्षद्वीप की आबादी 64,473 है। एनजीटी के निर्देश के बाद लक्षद्वीप के जिलाधीश ने हरित अधिकरण के समक्ष स्थिति रिपोर्ट सौंपी और कहा कि द्वीप में कीमती भूजल के संरक्षण और प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा सभी कदम उठाए जाएंगे। इसी तरह, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने भी वहां भूजल के स्तर पर स्थिति रिपोर्ट सौंपी है।
लक्षद्वीप के गांवों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें: एनजीटी